
ISRO यानी Indian Space Research Organisation एक के बाद एक ऐसा कारनामा करती जा रही है जो सभी भारतवासियों का सिर गर्व ऊँचा करता है। कुछ ही दिनों पहले भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने 36 सैटेलाइट्स (Satellite) के साथ LVM3-M2 लॉन्च किया था जो इसरो का सबसे भारी रॉकेट (ISRO’s heaviest rocket) था। वहीं अब इसरो ने देश के सबसे शक्तिशाली रॉकेट LVM-3 (लॉन्च वीकल मार्क 3) के लिए Made in India CE20 cryogenic engine (क्रायोजेनिक इंजन) का भी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरा करते हुए पूरी दुनिया को चौंका दिया है।
इसरो ने अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल के जरिये जानकारी देते हुए कहा है कि देश की स्पेस एजेंसी ने नए क्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है जो पूरी तरह से स्वदेशी है यानी मेड इन इंडिया है। इस इंजन के दमपर अब इसरो अपना सबसे भारी रॉकेट भी बिना किसी समस्या के अंतरिक्ष में दूर तक भेज सकती है। यह इंजन खासतौर पर लॉन्च वीकल मार्क 3 यानी एलएमपी-3 को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है जो अभी तक देश का सबसे पावरफुल रॉकेट है।
The CE20 cryogenic engine indigenously developed for LVM3 successfully underwent a hot test at an uprated thrust level of 21.8 tonnes on November 9, 2022. It enhances the LVM3 payload capability up to 450 kg with additional propellant loading. https://t.co/zo42hjGQNg pic.twitter.com/VH5hLBFrUK
— ISRO (@isro) November 10, 2022
इसरो की सफलता
भारतीय स्पेस एजेंसी द्वारा 21.8 टन अपरेटेड थ्रस्ट स्तर पर की गई टेस्टिंग पूरी तरह से सफल साबित हुई है। ISRO का कहना है कि इस इंजन की टेस्टिंग सफल होने के बाद अब LVM-3 की पेलोड क्षमता 450 किलोग्राम तक बढ़ गई है। गौरतलब है कि OneWeb Satellites के साथ ही आने वाले साल में चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) और भारत के पहले मानव अंतरिक्ष यान गगनयान (Gaganyaan) के लिए ‘एबॉर्ट मिशन’ की टेस्ट फ्लाइट में भी काफी मदद मिलने वाली है।
ISRO OneWeb मिशन
इसरो ने हाल ही में एक साथ 36 सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजने की उपलब्धि भी हासिल कर ली है। ISRO द्वारा लॉन्च LVM3 रॉकेट में वनवेब लियो (OneWeb Leo) ब्रॉडबैंड कम्यूनिकेशन सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में भेजा गया था। यह एक व्यावसायिक मिशन था जिसमें यूके बेस्ड निजी कंपनी की सैटेलाइट्स को रॉकेट में भेजा गया था। ये सभी 36 सैटेलाइट्स OneWeb India-1 mission के तहत अंतरिक्ष में भेजी गई है तथा कुछ महीनों बाद फिर से अन्य 36 OneWeb satellites भी इसी तरह लॉन्च की जाएंगी।



















