WhatsApp ने फिर बैन किए भारतीयों के अकाउंट्स! इस बार 26 लाख से ज्यादा लोगों का बंद हुआ व्हाट्सऐप नंबर

WhatsApp इंडिया में सबसे ज्यादा यूज़ की जाने वाली इंस्टेंट मैसेंजिंग ऐप है। भारत में स्मार्टफोन रखने वाले और उसमें इंटरनेट चलाने वाले लगभग हरेक व्यक्ति के फोन में व्हाट्सऐप है। पिछले साल भारत सरकार द्वारा व्हाट्सऐप पर नकेल कसे जाने तथा नए आईटी नियमों को लागू किए जाने के बाद यह अमेरिकी कंपनी भी इंडियन यूजर्स पर सख्ती बरतने लगी है। हर महीनें ढ़ेरों व्हाट्सऐप अकाउंट ब्लॉक (WhatsApp Account Ban) हो रहे हैं। इसी कड़ी में अब व्हाट्सऐप की ओर से एक महीने में 26 लाख से भी ज्यादा अकाउंट बैन किए जाने की खबर आई है।
WhatsApp Account Ban
Meta द्वारा अधिकृत WhatsApp ने सितंबर महीने में इंडिया में 26.85 लाख काउंट्स को बैन किया है। बड़ी बात यह है कि ये सभी अकाउंट एक ही महीने में यानी 1 सितंबर से 30 सितंबर के बीच में बैन हुए हैं। व्हाट्सऐप के अनुसार इनमें से 8.72 लाख अकाउंट्स को लेकर व्हाट्सऐप यूजर्स ने ही शिकायत दी थी तथा अन्य अकाउंट्स को कंपनी के नियम व निर्देशों का उल्लंघन करते पाया गया था। गौरतलब है कि पिछले बैन की तुलना में इस बार 15 प्रतिशत अधिक अकाउंट बैन हुए हैं।
इंडियन आईटी नियमों की बात करें तो ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म जिनके पास 50 लाख से अधिक यूजर्स हैं, उन्हें हर महीने अपनी कम्प्लायंस रिपोर्ट पेश करनी अनिवार्य है जिनमें कंपनी को मिलने वाली शिकायतें तथा उन शिकायतों के समाधान के लिए उठाए गए सभी कदमों का उल्लेख किया जाता है। व्हाट्सऐप की ओर से भड़काऊ भाषण, फेक न्यूज़ और गलत जानकारी देने वाले अकाउंट्स पर पैनी नज़र रखी जाती है और गलत काम करने वाले नंबरों को बैन कर दिया जाता है।
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व्हाट्सऐप नहीं रहेगी फ्री
पाठकों को बता दें कि Indian Telecommunication Bill 2022 के तहत हो सकता है कि आने वाले समय में व्हाट्सऐप चलाने के लिए आपको पैसे देने पड़ जाएं। इंडियन टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 ड्राफ्ट के अनुसार भारत में सक्रिय सभी कॉलिंग और मैसेजिंग ऐप्स को अब अपनी कॉलिंग सर्विस के लिए टेलीकॉम कंपनियों की ही तरह अलग से लाइसेंस लेना होगा।
इस लाइसेंस के लिए सरकार के पास फीस जमा करानी होगी और ऐसे में सरकार को शुल्क देने के बाद ये ऐप्स अपनी फ्री सेवाओं को बंद कर उन्हें पेड भी सकती है। इनमें WhatsApp, Skype, Zoom, Telegram और Google Duo जैसी ऐप्स शामिल होने का अंदेशा है। बता दें कि इस बिल में सिर्फ मैसेंजिंग ऐप्स ही नहीं बल्कि OTT Platforms को भी शामिल किया गया है।