स्लो चार्जिंग से मिलेगा छुटकारा, आ रही नई बैटरी टेक्नोलॉजी दस गुना होगी तेज! – जानें Details

‘बैटरी’ शब्द को पढ़ते ही या फिर सुनते ही शायद आपका ध्यान भी अपने डिवाइस में बची हुई बैटरी की ओर जरूर गया होगा। जाए भी क्यों न आज हमारी लाइफस्टाइल में डिवाइसेस और उनकी बची बैटरी की इंपोर्टेंस ऑक्सीजन की तरह हो गया है। इतना ही नहीं हमें से कई लोग अपने स्मार्टफोन को चार्ज पर लगाने के बाद ही सोने जाते हैं। वहीं घर से बाहर निकलने से पहले हम स्मार्टफोन को चार्ज भी जरूर ही करते हैं। कुल मिलाकर टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल में बैटरी का योगदान काफी अहम है।
बैटरी के बिना स्मार्टफोन, लैपटॉप, स्मार्ट डिवाइसेस और दूसरे गैजेट्स की कल्पना नहीं की जा सकती है। वर्तमान में सभी डिवाइसेस में लिथियम आयन (Lithium ion) बैटरी का इस्तेमाल किया जाता है। अब कंपनियां यूजर्स की टेक्निकल डिवाइसेस पर बढ़ती निर्भरता को देखते हुए बेहतर एनर्जी मैनेजमेंट वाली बैटरियों के डेवलपमेंट पर काम कर रही हैं। ताकि डिवाइसेस जल्दी से चार्ज हो जाएं और उन्हें पहले से ज्यादा बैकअप मिले। यह भी पढ़ें : Samsung Galaxy Quantum2 स्मार्टफोन से उठा पर्दा, यूजर्स को मिलेंगे दमदार सिक्योरिटी फीचर्स
क्या है बैटरी की नई टेक्नोलॉजी
साइंस अर्लट की रिपोर्ट के मुताबिक़, दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट में लिथियम आयन बैटरियों का इस्तेमाल किया जाता है। हमें से कई लोग यह नहीं जानते होंगे कि लिथियम आयन बैटरियों की परफॉर्मेंस कुछ समय के बाद घटने लगती है। इसके साथ ही बैटरी सेल में कई खामियां सामने आ सकती हैं। इसके साथ ही इनके चलते ये बैटरियां डिवाइस के ओवरहीटिंग का कारण भी बनती हैं। वहीं कई बार कुछ खतरनाक दुर्घटनाएं जैसे आग लगने का भी कारण लिथियम आयन बैटरियां होती हैं। बता दें कि कई कंपनियां ऐसे परेशानियों के चलते अपने प्रोडक्ट वापस मंगा चुके हैं। सैमसंग के साथ यह घटना Galaxy S7 स्मार्टफोन के साथ हुई थी। यह भी पढ़ें : Google Map से हुई भारी मिस्टेक, गलत पते पर बारात लेकर पहुंचा दूल्हा और फिर…
दस गुना तेजी से चार्ज होती है बैटरी
अब रूम से रिसर्चर्स ने दावा किया है कि उन्होंने नई टेक्नोलॉजी विकसित की है जो वर्तमान में मौजूद लिथियम आयन बैटरियों की तुलना में दस गुना तेजी से चार्ज होती है। अगर यह टेक्नोलॉजी इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट में इस्तेमाल की जाती है तो संभवत: इससे यूजर्स का चार्जिंग में लगने वाले समय की काफी बचत होगी। सेंट पिटर्सबग यूनिवर्सिटी के इलेक्ट्रोकैमिस्ट्री रिसर्चर ओलेग लेविन का कहना है कि पॉलीमर से बनी बैटरियों को सेकेंड्स में चार्ज किया जा सकता है। यह परंपरागत लिथियम आयन बैटरियों के मुकाबले दस गुना तेजी से चार्ज होती हैं। इस टेक्नोलॉजी को कई एक्सपेरिमेंट्स में दिखाया जा चुका है।
यह नई बैटरी नाईट्रोक्साइल बेस्ड रेडॉक्स पॉलीमर से बनी हुई है। यह मैटेरियल रिवर्सेबल ऑक्सीडेशन और चार्ज और डिस्चार्ज के दौरान रिडक्शन वाला होता है। एक्सपेरिमेंट के दौरान रिसर्चर्स ने पॉलीमर से बनी कई तरह की बैटरियों का शो किया। इनमें से निसालेन केमिस्ट्री की बैटरी ने स्टेपल और इफिसिएंस रिज़ल्ट दिए। हालांकि पॉलीमर से बनी बैटरियां अभी लिथियम आयन के मुक़ाबले में 30 से 40 प्रतिशत क्षमता में पिछड़े हों। पॉलीमर से बनी बैटरियां अभी पहले चरण में हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में इन बैटरियों का डेवलपमेंट इन्हें लिथियम आयन से बेहतर बना सकता है। इसके साथ ही संभव हो कि भविष्य में इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइसेस में पॉलीमर से बनी बैटरियां देखने को मिल सकती हैं।