
इंडिया में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार इस साल 2.6 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। इनमें ऐसे Online Games भी शामिल है जिन पर सट्टेबाज़ी की जाती है। इस तरह के Online Games के लिए अब केंद्र सरकार नए नियम लागू करने जा रही है। ऐसे गेम जिन पर रियल मनी का झांसा दिया जाता है या बच्चों को गुमराह किया जाता है, उनपर गवर्नमेंट नकेल कसने की तैयारी कर रही है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) ने आईटी नियम 2021 में संशोधन का नोटिफिकेशन जारी किया है जिसके अनुसार ऐसे ऑनलाइन गेम जिसमें सट्टेबाज़ी या सीधे तौर पर पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा हो उन्हें बैन किया जा सकता है।
क्या हैं ऑनलाइन गेमिंग के नए नियम
आईटी नियम 2021 में संशोधन को लेकर कहा गया है कि इंडिया में उपलब्ध मोबाइल या कम्प्यूटर गेम्स में अब सट्टेबाज़ी (gambling) या जुआ (betting) की परमिशन नहीं दी जाएगी। ऐसे गेम्स जिनमें गैंबलिंग प्लेटफॉर्म मुहैया कराया जाता है उन्हें रोका जाएगा। कौन-सा गेम चलता रहेगा और कौन-सा गेम देश में बैन होगा इसका फैसला लेने के लिए सरकार द्वारा कुछ सेल्फ रेगुलेटरी ऑर्गेनाइजेशन (SRO) बनाए जाएंगे जो भारत में उपलब्ध ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म की निगरानी करेंगे।
ये एसआरओ ही जांच-पड़ताल करने के बाद तय करेंगे किस ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म को देश में एक्टिव रहने की परमिशन दी जा सकती है और किसे नहीं।
किस तरह के गेम होंगे देश में बैन
- गैंबलिंग का लालच
- बेटिंग के उकसाना
- सेल्फ हार्म
- चाइल्ड एडिक्शन
SRO द्वारा ऑनलाइन गेम्स पर पैनी नजर रखी जाएगी और अगर कोई ऐसा गेम पाया जाता है जिसमें सट्टा लगाने के लिए उकसाया जा रहा है, गैंबलिंग करने का लालच दिया जा रहा है, सेल्फ हार्म यानी खुद को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है, या फिर बच्चों को किसी भी चीज का आदि बनाया जा रहा है, तो उन्हें बैन किया जाएगा। इसके साथ ही इन्हीं एसआरो के माध्यम से आप किसी कंपनी के खिलाफ शिकायत भी कर पाएंगे।
इतना ही नहीं नए संसोधन में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि यूूजर्स को पास ऑनलाइन गेमिंग की शिकायत को लेकर किसी कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने का भी अधिकार होगा।
रही बात एसआरओ की यानी Self-Regulatory Organization में शामिल मेंबर्स की तो सरकार की ओर से गेमिंग इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स के साथ ही मनो चिकित्सक तथा बाल अधिकारों के जानकार लोगों को शामिल किया जाएगा और यही तय करेंगे कि कौन-से ऑनलाइन गेम को इजाजत दी जाएगी। सरकार ने साफ कर दिया है कि अभी फिलहाल 3 SRO बनाए जाएंगे तथा जरूरत पड़ने पर इनकी संख्या बढाई जा सकती है।
इन ऑनलाइन गेम्स पर मचा है विवाद
- Rummy
- Teen patti
- Garena Free Fire
उपरोक्त तीन ऑनलाइन गेम देश में बड़े विवाद का कारण बने हैं। रमी और तीन पत्ती जहां ऑनलाइन कार्ड गेम हैं वहीं गरेना फ्री फायर एक बैटल रोयल गेम है जो मोबाइल के लिए उपलब्ध हैं। कुछ संगठनों को कहना है कि इन ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर सट्टेबाजी या जुआ शामिल है लेकिन ये अपने प्रोडक्ट को ‘कौशल वाले खेल’ यानी Game of Skill कैटेगरी में बताते हैं।
देश की कई राज्य सरकारें व संगठन ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने का समर्थन कर रही हैं और इन्हें देश में पूर्णत: बैन करने की बात कह रही है। वहीं हाल ही में इस मुद्दे पर तमिलनाडु सरकार का बयान भी आया था कि ऑनलाइन सट्टेबाजी वाले खेलों में किशोर और वयस्क अपनी पूरी कमाई और बचत खो रहे हैं।
किस गेम पर कितना टैक्स
कम ही लोग जानते हैं कि भारत सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी वाले ऑनलाइन गेम्स के लिए अलग-अलग जीएसटी की दरें तय कर रखी है। अभी ‘कौशल वाले खेल’ (Game of Skill) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता है। वहीं दूसरी ओर ‘किस्मत आजमाने वाले खेल’ (Game of Chance) पर लगने वाली जीएसटी दर 28 फीसदी की है। इस 10% के बड़े अंतर के चलते भी डेवलेपर्स अपने गेम की कैटेगरी को गलत बता देते हैं। SRO के सामने ऑनलाइन गेम्स की सही श्रेणी परिभाषित करना भी बड़ा चैलेंज है।
भारत में ऑनलाइन गेमिंग का बाजार
Online Gaming in india की बात करें तो सामने आए आंकड़ों के अनुसार साल 2016 में भारत का ऑनलाइन गेमिंग बाजार 54.30 करोड़ डॉलर के करीब था जो वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 2.6 अरब डॉलर के करीब पहुंच चुका है। वहीं माना जा रहा है कि वर्ष 2027 तक यह 8.6 अरब डॉलर पार कर सकता है।
इंडिया में कितने लोग खेलते हैं ऑनलाइन गेम
आपको जानकर हैरानी होगी कि इस वक्त भारत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा मोबाइल गेम खेलने वाला देश बन चुका है। वर्ष 2021 में तकरीबन 45 करोड़ इंडियन ऑनलाइन गेमर्स थे तथा ठीक एक साल बाद यह गिनती 50 करोड़ से भी ज्यादा हो गई थी। वहीं रिपोर्ट के मुताबिक साल 2025 तक इंडियन ऑनलाइन गेमर्स की संख्या 70 करोड़ के करीब पहुंच सकती है।
कितने भारतीय लगाते हैं ऑनलाइन गेम्स में पैसे
हाल ही में सामने आई एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया था कि वित्त वर्ष 2022 के दौरान भारत में तकरीबन 12 करोड़ ऐसे मोबाइल यूजर्स थे जिन्होंने ऑनलाइन गेमिंग में खेल के लिए पैसों को भुगतान किया था। यह पैसा गैंबलिंग और बेटिंग के साथ-साथ गेम कॉइन्स, यूसी, गेम स्कीन, गेम रैंक तथा गेमिंग के दौरान यूज़ होने वाले अन्य वचुर्अल सामान को खरीदने में लगाया गया था।