स्मार्टफोंस की तकनीक तेजी से बदल रही है। फोन के लुक और डिजाईन के साथ ही फीचर्स और स्पेसिफिकेशन्स भी एडवांस हुए हैं। लो बजट फोन हो या हाईएंड फ्लैगशिप डिवाईस सभी में जान फूंकने का काम करती है फोन की बैटरी। ज्यादा से ज्यादा बैकअप देने के लिए स्मार्टफोन ब्रांड फोन को बड़ी बैटरी से लैस करते हैं जो फास्ट चार्जिंग तकनीक के साथ भी आती है। लेकिन इन्हें चार्ज करने के लिए आपको प्लग इन करना ही पड़ता है। लेकिन ज़रा सोचिए आपके पैदल चलने से ही आपका मोबाईल चार्ज होने लगे तो कैसा हो। सुनने के यह बेशक अजीब या असंभव सा लगता हो लेकिन इस तकनीक का ईजाद हो चुका है। और आपको जानकार खुशी होगी कि इस अनूठी तकनीक को ढूंढने वाला कोई अमेरिका या चीन से नहीं बल्कि इंडिया की राजधानी दिल्ली में हर रहने वाले 2 युवा है।
यह बात सभी जानते भी हैं और मानते भी हैं कि मोबाईल से जीवनशैली को एडवांस तो किया है ही लेकिन साथ ही फोन के यूज़ ने लोगों के स्वास्थय पर भी बुरा प्रभाव डाला है। मोबाईल में गेम और इंटरनेट के चलते लोगों की मेहनत और आउटडोर गतिविधियां कम हुई है। फोन पतले होते जा रहे हैं और उन्हें यूज़ करने वाले मोटे। इसी सोच ने दिल्ली के दो किशोरों को नई तकनीक का ईजाद करने पर उतारू कर दिया है। ये दो युवा है मोहक भल्ला और आनंद गंगाधरन।
चलने से चार्ज होगा फोन
मोहक और आनंद से एक ऐसे गैजेट का निर्माण किया है जो आपको चलने से पैदा होने वाली एनर्जी को बिजली में तब्दील कर फोन की बैटरी को चार्ज कर सकेगा। दोनों युवाओं द्वारा बनाया गया यह गैजेट फिलहाल प्रोटेटाईप की स्टेज पर है। यह डिवाईस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन की सिद्धांत पर काम करता है। यह डिवाईस पैरों में पहनने वाले जूतों में एड़ी के नीचे लगा है, जिसमें एक डायनामो लगा है जो बफ़र मैक्नेज़िम पर चलता है। जब भी व्यक्ति चलता है तब यह घूमना शुरू करता है। जितने कदम चलते जाते हैं यह घूम घूम कर किनेटिक पावर उत्पन्न करता है। इसी पावर को केबल के जरिये मोबाईल तक पहुचाया जाता है जो बिजली में तब्दील हो कर फोन की बैटरी चार्ज कर देता है।
10वीं कक्षा में ही कर दिखाया कारनामा
आनंद और मोहक का यह आइडिया आज से 4 साल पहले आया था जब दोनों 10वीं कक्षा में थे। फिजिक्स के एक प्रोजेक्ट के तौर पर इन्होंने इस गैजेट पर काम करना शुरू किया था। स्कूल शिक्षक और परिवार वालों की मदद से इन्होंने ऐसा डिवाईस तैयार कर लिया जो चलने पर उत्पन्न हुई एनर्जी से फोन चार्ज कर सकता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गैजेट का निर्माण भी इनसे पहली या दूसरी नहीं बल्कि तीसरी कोशिश में हुआ था। दो प्रोटोटाईप प्रोजेक्ट फेल होने के बाद आखिर तीसरे प्रयास में इन्हें सफलता हासिल हुई थी।
सिर्फ 500 रुपये की होगी कॉस्ट
मोहक और आनंद आज कॉलेज में पढ़ाई पूरी कर रहे हैं। इनका कहना है कि आने वाले कुछ ही समय में यह प्रोटोटाईप पूरी तरह से डेवेलप होकर बाजार में आ जाएगा। हस एडवांस तकनीक वाले गैजेट की कीमत भी कोई ज्यादा महंगी नहीं होगी बल्कि 500 रुपये तक के मूल्य पर इस डिवाईस को आसानी से खरीदा जा सकेगा।