बीते कुछ महीने पहले भारत में इलेक्ट्रिक स्कूटर में आग लगने की खबरों ने खूब सुर्ख़ियां बटोरी थी। ईवी में आग लगने की कुछ घटनाओं में ग्राहकों को जान तक चली गई थी। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए भारत सरकार के रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्रालय (MoRTH) ने बैटरी सेफ़्टी स्टेंडर्ड को लेकर कुछ नए प्रावधान के तहत अतिरिक्त सुरक्षा माननकों को लागू करने जा रहा है। सरकार ने ईवी में आग लगने की घटनाओं की जाँच के लिए एक विषेष समिति का गठन किया था। इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर MoRTH ने इलेक्ट्रिक टू व्हीलर, क्वाड्रिसाइकिल और चार पहिया वाहनों के लिए AIS 156 सेफ़्टी स्टेंडर्डड में संशोधन 2 जारी किए हैं। भारत में बैटरी को लेकर ये एडिशनल सेल्फ़ी स्टेंडर्ड 1 अक्टूबर 2022 से लागू होंगे।
इस लेख में:
समिति में शामिल विशेषज्ञ
सरकार की ओर से गठित इस समिति में टाटा नरसिंह राव (डायरेक्टर, ARC, हैदराबाद), एमके जैन (साइनटिस्ट – G, CFEES, DRDO), डॉ आरती भट्ट (साइनटिस्ट -F, Additional Director, CFEES, DRDO), डॉ. सुब्बा रेड्डी (प्रिन्सिपल रिसर्च साइनटिस्ट, IISc, बैंगलुरु, प्रो एल उमानंद Umanand (चेयर, DESE, IISc, बैंगलुरु), डॉ. एस. श्रीनिवास (साइनटिस्ट-E, NSTL, विशाखापत्तनम) प्रो. डेवेंद्र जालीहाल (हेड, C-BEEV, 11T मद्रास, चेन्नई) शामिल थे। इन लोगों ने CMV नियमों के तहत मौजूदा बैटरी सेफ्टी स्टेंडर्ड में कुछ एडिशनल सेफ्टी रिक्वायरमेंट को जोड़ने कहा है।
बैटरी सेफ्टी के मानको में होंगे बदलाव
समिति की ओर से जारी एडिशनल सेफ़्टी रिक्वायरमेंट – बैटरी सेल, बीएमएस, ऑन बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक डिजाइन, और इंटरनल सेल शॉर्ट सर्किट के चलते आग लगने की घटना व थर्मल प्रसार से संबंधित एडिशनल सेफ्टी रिक्वायरमेंट को शामिल करने के प्रावधान को जोड़ा गया है। इसके साथ ही प्रोडक्शन के स्तर पर क्या बदलाव होने हैं इसे लेकर विस्तृत जानकारी अभी सामने नहीं आई है। यह भी पढ़ें : इलेक्ट्रिक व्हीकल की बैटरी टेक्नोलॉजी को स्मार्टफ़ोन में इस्तेमाल करेगा सैमसंग, मिलेगी दमदार परफॉर्मेंस
1 अक्टूबर से लागूं होंगे नए नियम
ईवी में लगने वाली बैटरी को लेकर सेफ़्टी मानको में किए सुधार को लेकर MoRTH ने बीते महीने 25 अगस्त को एक ड्राफ़्ट नोटिफाई किया है। इसमें सेंटर मोटर व्हीकल रूल (CMVR 198) के रूल 124 के सब-रूल 4 में कुछ संशोधन को जारी किया है। ये इलेक्ट्रिक व्हीकल में इस्तेमाल की जाने वाली ट्रैक्शन बैटरियों के लिए उत्पादन की अनुरूपता (सीओपी) अनिवार्य करने के लिए है। इसके साथ मंत्रालय ने सभी लोगों से नए संशोधन के लागू होने से पहले इस विषय में अपनी टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं। नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होने हैं।