लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में ही बंद हैं और कई कंपनियों के कर्मचारी ‘वर्क फ्रॉम होम’ कर रहे है। ऐसी स्थिति में अपने व्यवसायिक कार्यों को निपटाने के लिए सिर्फ कंपनियां ही नहीं बल्कि राजनैतिक पार्टी और कद्दावर नेता लोग भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये कर्मचारियों व अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं। इसके लिए सबसे ज्यादा Zoom App का यूज़ हो रहा है। पिछले दिनों भारत सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि ज़ूम ऐप सुरक्षित नहीं है और इसे आसानी से हैक किया जा सकता है। वहीं अब ज़ूम ऐप से जुड़ा विवाद देश के सर्वोच्च न्यायालय सुप्रीम कोर्ट तक जा पहुॅंचा है।
ज़ूूम ऐप के यूज़ को लेकर सरकार की ओर एडवायजरी जारी की गई थी जिसमें इस ऐप को असुरक्षित बताते हुए इसके यूज़ में सावधानी बरतने के लिए कहा गया था। वहीं अब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप Zoom पर रोक लगाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। इस याचिका में ज़ूूम ऐप को भारत में बैन करने की मांग की गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस जनहित याचिका में निजता के अधिकार का हवाला देते हुए कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट भारत सरकार को ज़ूम ऐप पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दे।
याचिकाकर्र्ता का कहना है कि Zoom App के यूज़ से देश में साइबर अपराध का खतरा बना हुआ है। याचिका में मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट इस ऐप के इस्तेमाल को लेकर तकनीकी अध्ययन करने के आदेश दे और यह सुनिश्चित करें कि इस ऐप पर तब तक प्रतिबंध लगाया जाएगा जबतक कि इस ऐप के यूज़ के लिए कोई उचित कानून नहीं बन जाता। ज़ूम ऐप के यूज़ को राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा बताते हुए कहा गया है कि इस ऐप के यूज़ से देश में साइबर अपराधों को भी बढ़ावा भी बढ़ावा मिल सकता है।
यह है खतरा
याद दिला दें कि गृह मंत्रालय ने हिदायत दी थी कि इस ऐप का यूज़ बंद कर देने में ही समझदारी है और इसे अपने फोन और लैपटॉप से डिलीट कर देना चाहिए। बताया गया था कि इस ऐप पर होने वाली वीडियो कॉलिंग हैक की जा सकती है और यूजर का पर्सनल डाटा चोरी किया जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार ज़ूम ऐप यूज़ करने वाले 35 प्रतिशत से अधिक लोगों को डाटा चोरी होने का अनुमान है। Zoom App का सर्वर सीधे चीन से जुड़ा है और गंभीर बात यह है कि इस ऐप को देश के कई बड़े नेताओं ने भी यूज़ किया है। यह भी पढ़ें : Moto G8 Power Lite और Realme Narzo 10A में कौन है बेहतर, दोनों में है 5000mAh बैटरी और कीमत 9,000 से कम
ऐसे करें सावधानी से यूज़
लॉकडाउन के चलते वर्क फ्रॉम होम किया जा रहा है और ऐसे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी जरूरी है। ऐसी स्थिति में जिन लोगों के पास अन्य कोई जरिया नहीं है तथा Zoom App का उपयोग मजबूरी में करना पड़ रहा है, उन लोगों के लिए गृह मंत्रालय के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर यानि CyCord एडवाइजरी जारी की है, जिसमें ज़ूम ऐप को यूज़ करने के कुछ तरीके बताए गए हैं। इन तरीको का फॉलों कर कुछ हद तक अपने डाटा व कॉल को सुरक्षित रखा जा सकता है।
– हर मीटिंग के लिए नया यूजर आईडी और पासवर्ड सेट करें।
– ‘वेटिंग रूम’ फीचर ऑन रखें। इससे अन्य लोग तब ही मीटिंग ज्वाइंन कर पाएंगे, जब होस्ट अनुमति देगा।
– ‘ज्वॉइन बिफोर होस्ट’ फीचर को कर दें बंद। ऐसा करने से होस्ट के रूम में एंटर करने से पहले कोई भी यूजर मीटिंग में नहीं आ पाएगा।
– हमेशा ऑन रखें ‘स्क्रीन शेयरिंग बाय होस्ट ओनली’
– बंद कर दें ‘अलो रिमूव्ड पार्टिसिपेंट्स टू री-ज्वॉइन’ फीचर
– जब तक बेहद जरूरी न हो, तब तक फाइल ट्रांसफर का ऑप्शन बंद ही रखें।
– कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़ने वाले सभी लोगों के मीटिंग में आने पर, मीटिंग को लॉक कर दें।
– रिकॉर्डिंग फीचर हमेशा ऑफ ही रखें।
– एडमिनिस्ट्रेटर के लिए जरूरी है कि वह ‘मीटिंग लीव’ करने की बजाय उसे पूरी तरह से ‘क्लॉज’ कर दें।